” मन “
बचपन से इस तन को बहुतों ने छुआ है ,
हमारे मन को कोई छू सके ऐसा कोई मिला नहीं ।
यही सोच कर हमने ,
कभी इस तन शौख से संवारा ही नहीं ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली
बचपन से इस तन को बहुतों ने छुआ है ,
हमारे मन को कोई छू सके ऐसा कोई मिला नहीं ।
यही सोच कर हमने ,
कभी इस तन शौख से संवारा ही नहीं ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली