” नमी “
तेरे आंखों की कशिश ,
कुछ इस कदर हमारे हृदय में समाई है ।
तेरे जाने के बाद भी ,
कोई नमी हमारे आंखों को छू भी ना पाई है ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली
तेरे आंखों की कशिश ,
कुछ इस कदर हमारे हृदय में समाई है ।
तेरे जाने के बाद भी ,
कोई नमी हमारे आंखों को छू भी ना पाई है ।।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली