Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2022 · 10 min read

अल्फाज़ ए ताज भाग-6

1.

इंसान के लिबास में फरिश्ते ने मुझको पाला है।
वह मेरे पापा है जिन्होंने मझधार में,
बनकर पतवार मेरी कश्ती को निकाला है।।

क्या लिखुं मैं उनके ऊपर अल्फाज़ ही नहीं है।
वह मेरे पापा है जिन्होंने जिंदगी भर,
खुदा के जैसे बनके मेरे वजूद को संवारा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

2.

ढूंढने निकले थे खुशी।
बे हिसाब गम आ मिले।।

गंदा हुआ ज़मीर मेरा।
खुदका इश्राक खो दिए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

3.

हर जगह बदल गईं है।
सारे ही निशां मिट गए हैं।।

अपना ही शहर हमको।
अब अजनबियों सा लगे है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

4.

अच्छा किया तुमने हमारे दिल को तोड़कर।
क्या खूब वफा निभाई हमको तन्हा छोड़कर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

5.

कल तक बुरे थे जो।
आज सब इश्तियाक हो गए है।।

जिनको कहते थे उल्फती।
आज सब समझदार हो गए है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

6.

फिर बच्चे भूखे सो गए मेरे इंतजार में।
मेरी जिन्दगी रो पड़ी है अपनी मुफलिसी पर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

7.

काश हमारे पास भी होती ये दौलत,
तो हम भी अमीर कहलाते।

लेते सब हमको अदब ओ लिहाज़ में,
यूं हम भी नज़ीर बन जाते।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

8.

कब तक गुनाह करके बचते रहोगे तुम।
खुदा की नज़र हमेशा रहती है हर जिंदगी पर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

9.

यह तो वक्ती हस्ती है तुम्हारी बुलंदी पर।
वापस आकर गिरोगे फिर से तुम इस जमीं पर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

10.

मर कर भी मैं तुमसे वफा निभाऊंगा।
बन के खुश्बू तेरे आस पास महकूंगा।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

11.

जिन्दगी का मामला सख्त लगता हैं।
यूं सुधरने में थोडा तो वक्त लगता हैं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

12.

क्या पता दे दे हम तुमको अपना।
बंजारों का कहां कोई घर होता है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

13.

मां की दुआ है ले लो काम आयेगी।
हर मुसीबत से ये निजात दिलायेगी।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

14.

ढूंढने निकले थे हम खुशी।
बे-हिसाब गम आ मिले हैं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

15.

दिल तुमसे कोई तवक्को रखता नहीं है।
छोड़ दिया जिसको देखा ना उसको मुड़कर।।

शिकवा ना करेंगे कभी तेरी बेवफाई का।
क्योंकि कभी करते थे हम तुमको मोहब्बत।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

16.

खुदा के करम की एक नज़र चाहिए।
परिंदों की खातिर एक शजर चाहिए।।

शाख पर बैठकर वो सब गुफ्तगू करे।
ऊंचा उड़ने को परवाज ए पर चाहिए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

17.

जिंदगी में अपने आमाल ना देखते है।
बाद मरने पर सब को जन्नत चाहिए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

18.

क़िस्मत मुकद्दर को मैं मानता नहीं हूं।
खुदा ने जो दे दिया बस होता वही सही है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

19.

दवा भी ले ली दुआ भी ले ली,सबकी ही मैनें।
अब बाताओं जाऊं कहाँ मै,जो शिफ़ा मिल जाए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

20.

आदम का पुतला हूँ तो ऐसे सांसे तो लूंगा ही।
वर्ना अब ख्वाहिश नही है मेरे दिल में जीने की।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

21.

सुना है बड़े मकान है तुम्हारें इस शहर में।
सब मकान ही है या कोई घर भी है इन सबमें।।

मैं ग़लत हो सकता हूँ तुम्हारी यूँ नज़र में।
अगर तुम खुश हो तो खुश रहो इसी वहम में।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

22.

हर सहारे से बेसहारा हुए है।
दिल है टूटा किनारा लिए है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

23.

हर्फ ना आए उसके किरदार पर कभी।
रेत पर उसका नाम लिखकर हर बार मिटा देते हैं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

24.

इसके हर नाम में आधे- अधूरे अल्फाज़ होते हैं।
हकीकत में भी ये मुहब्बत मुकम्मल ना होती है।।

गुनाह है हमारी नजरों का जो देखा तेरा ख्वाब।
सारे ही ख्वाबों की ताबीर हकीकत ना होती है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

25.

गुनाह है हमारी नजरों का जो देखा तेरा ख्वाब।
सारे ही ख्वाबों की ताबीर हकीकत ना होती है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

26.

जिंदगी को कौन बता पाया है।
अपनी मौत को कौन रोक पाया है।।

ये सब है मेरे खुदा की खुदाई।
जिन्हे खुदा ने हर इंसा पे गुज़ारा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

27.

गरीबों के साथ कौन अपनी खुशियाँ बांटता है।
हंसाकर इन सबको तुम यूँ फ़रिश्ता बन गए हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

28.

पढ़ लिखकर हर कोई जहीन होता नही है।
कितनों ने पेश किया है नमूना जाहिली का।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

29.

कभी कभी उसे भी याद करके जी लेता हूं।
जो आ करके मेरी जिंदगी में वक्त सा गुजर गया है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

30.

खूबसूरत वही चेहरा होता है।
जिसकी नज़रों में परदा होता है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

31.

जिंदगी की अजब कहानी है।
कभी सेहरा तो कभी पानी है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

32.

मैं इश्क में हद से गुजर जाऊंगा।
तुमने देखी कहां मेरी दीवानगी है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
33.

देखो तो जाकर उसको क्या हुआ है।
यूं ही किसी की आंख में अश्क नहीं आता है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

34.

क्या कहते हो तुमने भी इश्क कर लिया है।
इलाज कराते फिरोगे जो तुमने मर्ज ले लिया है।।

मिलेगा ना सुकूं अब हर पल तुम तड़पोगे ।
तमाम उम्र अब सहोगे तुमने जो दर्द ले लिया है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

35.

यूं हंसना किसी पर होती नादानी है।
जानकर रो दोगे उसकी जो कहानी है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

36.

नामुमकिन है उनका यूं साथ साथ रह पाना।
क्योंकि आफताब जैसा महताब होता नहीं है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

37.

छोटी सी उम्र में बड़ा तजुर्बा है।
शायद तुमने भी इश्क किया है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

38.

सुना है आयते पढ़कर तुम दे देते शिफा हो।
कोई दुआ पढ़कर फूंक दो,
शायद राहत मिल जाए बच्चे को।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

39.

सोचा था मरकर सुकूं मिलेगा मेरे दिल को।
पर यहां भी हर पल जख्म देने वाले पाए है।।

हमे क्या पता था छोटे नुक्सों का हिसाब होगा।
महसर में हम यह देखकर जीने पर पछताए है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

40.

जिन्दगी के सफर में बड़े बवाल देखे है।
बीमारे गम में हमने बहुत से अस्पताल देखे है।।

बीमारियों के आने का सबब ना पूंछो।
हमने ज़ख्म देने वाले बहुत तीमार-दार देखे है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

41.

तबर्रुक है इसलिए भिजवाई है।
खा लेना जहर नहीं ये मिठाई है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

42.

समझ रहे हो जिन्हें तुम मोती।
शबनम की बूंदों पर आफताब की रोशनाई है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

43.

बड़ा गहरा दर्द होता है।
जब जख्म पर जख्म होता है।।

मरने को दिल करता है।
जब कोई अपना गम देता है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

44.

आज गया था बेटी के साथ स्कूल।
गंदी नज़रों से मेरा सामना हो गया है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

45.

हुस्न अब कारोबार सा हो गया है।
आबरुओं का बाजार लगने लगा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

46.

अहसान मानतें है तुम्हारा जो यूँ रोशनी देते रहे हो रात भर।
अब चले जाओ तुम जुगनुओं कि शब की सुबह हो गयी है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

47.

तुम्हारे सफ़र का रास्ता हम बन जाएंगे।
तुमसे जुड़ा हो कोई भी वास्ता हम बन जाएंगे।।

छोड़कर ना जाना कभी भी जिंदगी में।
वर्ना भूली हुयी इश्क ए दास्तां हम बन जाएंगे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

48.

ये दुनियां पूंछती है हमारें रिश्ते का नाम।
अब तुम्हीं बताओ चाहत को किस रिश्ते से पुकारें।।

हमें खुद ना मालूम सबको क्या बताएं।
चीज ना है अहसासे दिल है जो सबको हम दिखाएं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

49.

हर गम को ही सह लूंगा।
तन्हा ही अकेला मैं इस दुनियाँ में रह लूंगा।।

देख लेना बस तुम मुझे।
बनकर जनाजा जब तेरी गली से गुजरूंगा।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

50.

कश्ती को साहिल चाहिए।
जिन्दगी को हासिल चाहिए।।

सफर को मंजिल चाहिए।
जीने को मुस्तकबिल चाहिए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

51.

माना ये दिल टूटा है तो क्या हुआ।
चल बदलते है जीने का नज़रिया।।

खूब जी लिए हम दूसरों की खातिर।
अब करते है खुदके लिए कुछ दुआ।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

52.

अकीदा करों तुम,
हमारे अल्फाजों का।

हम वह नहीं हैं जो कह कर,
कुछ भी यूं मुकर जाएं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

53.

उम्रें गुज़र गयी है इश्क को निभाने में।
मुकम्मल ना हुआ यह किसी जमाने में।।1।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

54.

शक भी करते तो हम किसपे करते।
हर रिश्ते में था हमारा कोई अपना।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

55.

ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो।
मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

56.

तुम्हारा हर अश्क जो नजरो से तुम्हारी गिर रहा है।
पता है हमें बेवफ़ा ये तेरी झूठी कातिलाना अदा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

57.

कहाँ थे ज़िन्दगी में हम और कहाँ आ गये।
ना जाने कब कैसे हम गर्दिशे जहाँ पा गये।।

अब अपनों से वह निस्बत रही ना हमारी।
तभी तो रिश्तों मे हम इतनी दूरियाँ पा गये।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

58.

बहुत घूमा हूं जहां में दर दर शहर शहर।
मुझमें हर किसी का पता मिल जायेगा।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

59.

इतना भी ना सता कि हम पत्थर दिल ही हो जाए।
तू पुकारे कितना भी पर हम कुछ भी ना सुन पाए।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

60.

मेरी जिन्दगी से ज़ालिम तू कब का निकल गया है।
पर तिरा खयाल आज भी कभी कभी आ जाता है।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

61.

हमारा इन्तिजार तुम करना हम आयेंगे तुम्हारे घर।
तेरे अकीदे को ना तोड़ेंगे जो किया है तुमने हमपर।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

62.

मेरी मोहब्बत की हर एक फिक्र में बस तू ही तू है।
इसीलिए मेरी हर एक दुआ में तेरा जिक्र जरूर है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

63.

किससे करे उम्मीद ए वफ़ा हम पाने की इस जिंदगी में।
सबका ही अंदाज है बस हमारी दिल ए जां दुखाने का।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

64.

कहां से लाए अल्फाज़ जिन्दगी तुझको बयां करने का।
सभी पूंछतें है घर का यहां ना है जमीं आसमां सोने का।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

65.

शफक्कत भरा हाथ क्या आया मेरे सर पे।
मां की मोहब्बत सभी पर भारी पड़ने लगी।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

66.

बड़े मुश्किल जिन्दगी के हालात हो गए है।
आज हर बात मां बाप की फर्ज लग रही है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

67.

क्यों शहर शहर भटकते हो।
बेकार में ही तुम खर्च हो रहे हो।।

यूं तुमको शिफा ना मिलेगी।
तुम तो दिल के मर्ज लग रहे हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

68.

रोजे महशर है सारे आमाल देखे जा रहे है।
आज हर जिन्दगी ही अपना हश्र पा रही है।।

बड़े मुश्किल जिन्दगी के हालात हो गए है।
आज हर बात मां बाप की फर्ज लग रही है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

69.

अपने ही मुकद्दर पर हमको खूब रोना आया।
कश्ती हमारी जाकर यूं डूबी है जो साहिल पे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

70.

मज़ाक बन कर रह गए है उसकी महफ़िल में।
दर्द ही दर्द समा गया है हंसते हुए इस दिल में।।

उसकी फितरत ना बदली ज़ख्मों को देने की।
खुदा बनाके दिल लगाया था जिस ज़ालिम से।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

71.

हो तुम दिल फरेब जो सबसे कह रहे हो।
मुझको बरबाद कर के तुम सुधर गए हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

72.

यूं रो कर विदा ना करो हम जा ना पाएंगें।
तेरे अश्क मेरे पैरों की ज़ंजीर बन जायेंगे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

73.

मौसम की तरह तुम बदल गए हो।
वफ़ा के वादे से तुम मुकर गए हो।।

संग रहकर तुम हमको ना समझे।
वक्त जैसे आके तुम गुज़र गए हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

74.

खुश रहने का नुस्खा बताता हूं।
सुकूँ पाने को कुराने तिलावत की जाती है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

75.

बड़ा अकीदा था तुमको दूसरों पर।
मेरी खातिर फिर क्यूं भटक रहे हो।।

बेवफाई का अज्र तुम्हे मिल गया है।
तन्हा हो कर अकेले जो जी रहे हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

76.

अब मिलना मिलाना ना हो शायद इश्क में।
देखना तेरी गली से जनाजे में गुजर जायेंगें।।

तुमसे अच्छा कौन जानेगा मुझे दुनियां में।
मरने के बाद तुमसे यादों में मिलने आएंगे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

77.

अपने मां-बाप की कभी बे हुरमती ना करो।
बड़ा ही असर होता है उनकी दुआएं ले लो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

78.

हर बच्चे की इस दुनियां में मां ही जन्नत होती है।
गर हक में दुआ करदे तो पूरी हर मन्नत होती है।।

✍️✍️ताज मोहम्मद ✍️✍️

79.

कोई क़िस्मत से कह दो हमको भी साथ ले ले।
कुछ करदो दुआ शायद यहीं सुकूँ हमको दे दे।।

✍️✍️ताज मोहम्मद ✍️✍️

80.

कबसे पड़े है ये पत्थर रास्तों पे बेनाम से सारे।
रखकर मंदिर में कोई इनको भी खुदा बना दे।।

✍️✍️ताज मोहम्मद ✍️✍️

81.

पास है समंदरे आब फिर भी प्यासे है हम बड़े।
कबसे है इंतजार कोई आके ये तिश्नगी बुझादे।।

राहों में तन्हा खड़े है कोईभी हमसफर नही है।
बहुत लम्बा है रास्ता कोई चलने को साथ दे दे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

82.

क्या ख़ूब कहा है किसी ने मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है।।

गर मां खुश होके हकमें दुआ करदे तो पूरी हर मन्नत होती है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

83.

हंस कर बोला करो हर किसी से।
गर हो कोई गुनाह तो नदामत की जाती है।।

खुश रहने का नुस्खा बताता हूं।
सुकूँ पाने को कुराने तिलावत की जाती है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

84.

मौसम की तरह तुम बदल गए हो।
वफ़ा के वादे से तुम मुकर गए हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

85.

आईना हूं रखना मुझे संभाल कर।
गर टूटा तो अपशगुन लेकर आऊंगा।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

86.

बद्दुआ हम तुमको ना देंगें यूं बेवफ़ाई पर।
कोई मजबूरी होगी जो तुम बदल गए हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

87.

कब से रास्ता देख रही है आंखें मेरी।
सेहरा में आज भी आब ना बरसा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

88.

मज़ाक बन के रह गए है हम तेरी महफ़िल में।
दर्द ही दर्द समा गया है हंसते हुए इस दिल में।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

89.

मेरी जिन्दगी से ज़ालिम तू कब का निकल गया है।
पर तेरा खयाल आज भी आकर मुझको रुला गया है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

90.

अगर कोई बात है तो बतादो तुम हमको।
क्यों इतना दर्द लेकर सीने में जी रहे हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

91.

धोखा खा कर भी दिल मोहब्बत कर रहा है।
खूब हंसी आयी है हमको इश्क ए जाहिल पे।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

92.

मुट्ठी में ख्वाबों को दबा रखा है।
आंखों में अश्कों को छुपा रखा है।।

कुछ ना मिलेगा इन्हें बताने से।
हम पर हंसने को जमाना बैठा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

93.

अब हकीकत की जिन्दगी जीने लगे है।
वक्त के हिसाब से हम भी ढलने लगे हैं।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

94.

अगर नफरत करते हो तो नज़रों में नज़रें डालकर कह दो।
फिर हम तुमसे खुद ही दूर चले जायेंगे तुम परेशां ना हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

95.

हमनें अरमानों को टूटते देखा है।
जिंदगी को हालातों से लड़ते देखा है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

96.

कोई जाकर उनको ख़बर कर दे।
अब हम सफर ए तुरबत में जा रहे है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

97.

अब ना फसेंगे यूँ किसी भी मासूम चेहरे पर।
लुट चुके है हम कई चेहरों की संन्जीदगी में।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

98.

छोड़ दो अपनी आदत सबसे मिलने मिलाने की।
लोग ग़लत समझते है यहां पर खुले मिज़ाज को।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

99.

बनावटी चेहरे है जाना ना इनके हाव-भाव पर।
बेचा-खरीदा जाता है यहां इंसानी ज़ज़्बात को।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

100.

हम समझ रहें थे कि खुद में उसको भूला कर बैठे है।
याद आई तो समझे उसके निशां अब भी हममें बाकी है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)
सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)
Ravi Prakash
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Natasha is my Name!
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
मेरे अल्फाज याद रखना
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
गहरा है रिश्ता
गहरा है रिश्ता
Surinder blackpen
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
पेड़ से पत्तों का झड़ना क्या होता है,,,,,,
पेड़ से पत्तों का झड़ना क्या होता है,,,,,,
Ashish shukla
मुझे इमकान है
मुझे इमकान है
हिमांशु Kulshrestha
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
तू अपने आप पे इतना गुरूर मत कर,
Dr. Man Mohan Krishna
Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Piyush Goel
4782.*पूर्णिका*
4782.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद से भाग कर
खुद से भाग कर
SATPAL CHAUHAN
पूनम का चांद
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
चोट खाकर टूट जाने की फितरत नहीं मेरी
Pramila sultan
माता- पिता
माता- पिता
Dr Archana Gupta
क्या कीजिए?
क्या कीजिए?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
...
...
*प्रणय*
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
कवि रमेशराज
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
#हा ! प्राणसखा . . . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
मिलने के समय अक्सर ये दुविधा होती है
Keshav kishor Kumar
"जेब्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
जीत हमेशा सत्य और न्याय की होती है, भीड़ की नहीं
Sonam Puneet Dubey
Loading...