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25 Sep 2018 · 1 min read

अलार्म घड़ी

एक अलार्म घड़ी मँगवाई
कुकड़ूँ कूं की टोन लगाई

छःबजे का अलार्म लगाया
स्वर भी उसका जरा बढ़ाया

और तान ली सर पर चादर
सोये घोड़े बेच बेच कर

सुबह घड़ी ने हमें जगाया
कुकडू कूँ का शोर मचाया

अलार्म दिया न हमें सुनाई
घर में सबकी नींद उड़ाई

गुस्से में आये मम्मी पापा
जोर जोर से हमको डाँटा

देख हमें फिर घड़ी मुस्काई
कैसी रही बताओ भाई

खीज़ बड़ी ही खुद पर आई
कोस रहे क्यों घड़ी मंगाई

25-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 402 Views
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