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2 Jan 2022 · 1 min read

अलविदा 2021

उन्नीस गया फिर बीस गया, अब इक्कीस की बारी है
साल नया आने को है पर जश्न मनाना भारी है

बाइस का भी स्वागत सबको घर में रह के करना होगा
क़ह्र क’रोना का दुनिया में लोगों अब तक जारी है

दो सालों से बंदिश के घेरे में जीते आए हैं
दहशत के साए में जीने की अब भी लाचारी है

अल्फ़ा, बीटा, गामा, डेल्टा, आया है अब ओमीक्रॉन
तो इस दुश्मन से भी डटकर लड़ने की तैयारी है

कब तक आख़िर बच्चों को बंद घरों में रहना होगा
पूछ रहे मासूम सभी से कैसी ये महामारी है

टीके ने रखा है हमको एक सुरक्षा के घेरे में
दूरी का पालन करते हैं, मास्क पहनना जारी है

थोड़ा संयम ग़र बरतेंगे, हार क’रोना जाएगा
कहती है वो बात ‘शिखा’ जो ज़ह्न* पे उसके तारी* है

©पल्लवी ‘शिखा’, दिल्ली।
—————
*ज़ह्न – बुद्धि, मन
*तारी – छाया हुआ

1 Like · 1 Comment · 275 Views
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