अलविदा 2017.
जाते जा,
कुछ आसान सवालों के जवाब तो देती जा,
ले चली,
उन हसीन,
पलों को,
जो यादगार बन,
ऐतिहासिक हो जाएंगे,
कुरेद कुरेद सवाल पूछे जाएंगे,
कुछ जवाब फिर भी देंगे,
सात करोड़पति बनने के लिए,
कुछ भारतीय लोक सेवक बन जाएंगे,
याद तेरी फिर भी दोहराएंगे,
मिटा न पाई दर्द दिलों का,
नफरत कैसे दफन करती,
पाखंडी निकली पाखंड से कैसे लड़ती,
काल-चक्र से बंधी हुई,
काल-ग्रास से कैसे बचती,
मुक्त है जाति, धर्म-सम्प्रदाय तुझसे,
कैसे हरती,
.
अलविदा 2017.
.महेंद्र.