अलमीरा
सँभालकर रखूँ चीजें तुम्हारी,
तुम न मुझो सजाओ-सवारों।
दिखे न तुझे गलती खुद की,
न मिलने पर चीज मुझे ही मारो।
याद रखो बस जगह सामानों की,
खुद की गलती न दूसरे पर डालों।
एक ही अपील हैं मेरी तुमसब से,
अच्छों को अच्छा मान देना जानो।
आऊँगा मैं हमेशा काम तुम्हारे,
कद्र बस तुम इस काम की जानो।
संभाले रखता हूँ हर चीज ये तेरा,
जो कुछ तू मेरे छाँव में डाले।
शिकायत हैं मेरी बस इतनी तुमसे,
अपनी गलती न दुसरों पर डालों।