अलबेले लम्हें, दोस्तों के संग में……
ऐ मेरे दोस्त
तुमसे जुदा होके
पता नहीं कहाँ खो गए हम?
जब जब भी तेरी यादें आती
तब आँखें नम-नम सी हैं हो जाती |
तुम्हारे संग वर्ग में हलचल मचाना,
वर्ग में एक दूसरे का खिल्ली उड़ाना,
तुम्हारे साथ शिक्षकों से 5 मिनट की छुट्टी लेकर
बाहर खेलने लगना,
तुम्हारे साथ वर्ग में शिक्षकों के बाद जाना
और देर से वर्ग पहुँचने पर
शिक्षकों के द्वारा तुम्हारे साथ दंडित होना,
फिर वर्ग में शिक्षकों के रहते हुए भी हलचल मचाना
लंच में तुम्हारे संग खाना
और कई खेल खेलना
सच पूछो तो
ये लम्हें बहुत याद आते हैं,
ऐ मेरे दोस्त
और तब मेरी आँखें नम हो जाती हैं |
ऐ मेरे दोस्त,
तुम्हारे बगैर ये जिंदगी अधूरी,
तुम्हारे बगैर ये मस्ती ना पूरी,
हर क्षण, हर लम्हा में
मैं तुम्हें याद करता हूँ,
तू आ जा मेरे साथ,
तू आ जा मेरे पास,
मैं ईश्वर से यही दरख़्वास्त करता हूँ |