“अलग -थलग”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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कई बार उनको
मैंने ख़त लिखा
कभी संदेश
उनको भेजता हूँ
पर उनकी निष्ठुरता
तो देखिये
नज़र अंदाज़ का
सलीक़ा तो इनसे सीखिये
ऐसा नहीं कि
वे सजग नहीं हैं
उनके लिखने का
आंदज निराला है
उनकी उपलब्धियां उनके
सर चढ़ कर
बोलती हैं
उनकी प्रस्तुति के
हम कायल हैं
हमने उनको मुखपोथी{Facebook}का
“महानायक” जो माना है
पर “महानायक”
तो लोग ही बनाते हैं
उनके दिलों को तोड़ कर
उनकी निकटता को छोड़ कर
सफलताओं की सीढ़ी
असाध्य हो जाती है
मात्र जुड़ने से
कुछ नहीं होता है
दिल में लोगों के बसने
के लिए सब से
संवाद करना पड़ता है
मौन रहकर
वे अलग -थलग पड़ जाते हैं
कालांतर में
लोग उन्हें भूल जाते हैं !
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एसo पीo कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
23 मई 2024