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12 Jul 2021 · 1 min read

अर्धनारीश्वर

संगम

अलौकिक शक्ति शक्तिमान
अर्धनारीश्वर रूप में विधमान

अद्भुत अनूप अनूठा हे रूप
समस्त जगत है जो जो भूप

अवनि से अम्बर को बांधता
जड़ चेतन का संगम दिखता

मोहनी जिसकी सोहै आपार
वही हम सबका पालनहार

कान्हा की शक्ति है जो राधे
राधा के बिन है कान्हा आधे

नर नारी में है शक्ति शक्तिमान
जो जागृत करते अभिमान

एक बाँधे समूचे संसार को
दूसरा है स्रोत आहार विहार

साँसो का कहलाता है दाता
श्वास से चर अचर संगम भाता

Language: Hindi
78 Likes · 2 Comments · 410 Views
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