*अर्थ करवाचौथ का (गीतिका)*
अर्थ करवाचौथ का (गीतिका)
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(1)
अर्थ करवाचौथ का, जीवित जगत में प्यार है
चंद्रमा को अर्ध्य देता, यह मधुर त्यौहार है
(2)
सज गईं देखो सुहागिन, नारियॉं श्रंगार कर
सात जन्मों का निहित, इस रस्म का आधार है
(3)
चॉंदनी जब रात में, छत पर निहारा चॉंद को
कह उठे पति और पत्नी, यह मधुर संसार है
(4)
रच गया मिट्टी का करवा, प्रेम की पावन कथा
शादियों को यों मिला, विश्वास का उपहार है
(5)
सिर्फ भारत देश में ही, दृश्य यह साकार है
शत-बार पति गद्गद हुआ, कह रहा आभार है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451