Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2016 · 1 min read

अर्चना मेरी है तू

21-06-2016

सांसों में बसी है तू
ज़िन्दगी बनी है तू

तुझसे कैसे हूँ जुदा
दिल की आशिकी है तू

चाहें सब कहे गलत
मैं कहूँ सही है तू

मेरे सब सवालों का
बस जवाब ही है तू

डर नहीं अँधेरों का
मेरी रौशनी है तू

साये की तरह सदा
मेरे सँग चली है तू

भीगता रहे ये मन
सावनी झड़ी है तू

तुझमे ही दिखे खुदा
‘अर्चना’ मेरी है तू

डॉ अर्चना गुप्ता

3 Likes · 3 Comments · 535 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

बढ़ना है आगे तो
बढ़ना है आगे तो
Indu Nandal
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Time and tide wait for none
Time and tide wait for none
VINOD CHAUHAN
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
Ravi Prakash
शम्स' गर्दिश जो यूं ही करता है।
शम्स' गर्दिश जो यूं ही करता है।
Dr fauzia Naseem shad
4864.*पूर्णिका*
4864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
जब कोई महिला किसी के सामने पूर्णतया नग्न हो जाए तो समझिए वह
जब कोई महिला किसी के सामने पूर्णतया नग्न हो जाए तो समझिए वह
Rj Anand Prajapati
जुदाई  की घड़ी लंबी  कटेंगे रात -दिन कैसे
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
Dr Archana Gupta
जब मति ही विपरीत हो
जब मति ही विपरीत हो
RAMESH SHARMA
#हँसती है ज़िंदगी तो ज़िन्दा हैं
#हँसती है ज़िंदगी तो ज़िन्दा हैं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
डॉ. एकान्त नेगी
ये बाबू कायल हो जइबअ...
ये बाबू कायल हो जइबअ...
आकाश महेशपुरी
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
..
..
*प्रणय*
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
आज अकेले ही चलने दो।
आज अकेले ही चलने दो।
Kumar Kalhans
"विश्व हिन्दी दिवस"
Dr. Kishan tandon kranti
"पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
दोस्ती
दोस्ती
Ayushi Verma
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
श्रीकृष्ण शुक्ल
बहार...
बहार...
sushil sarna
चिंता दर्द कम नहीं करती, सुकून जरूर छीन लेती है ।
चिंता दर्द कम नहीं करती, सुकून जरूर छीन लेती है ।
पूर्वार्थ
चीखें अपने मौन की
चीखें अपने मौन की
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
Loading...