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26 Sep 2024 · 1 min read

अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ

अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ
बहकाएगी कहाँ

मैने सब को सिद्दत से चाहा है
रिश्तों को मैने बखुबी निभाया है
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ

मैं अलग सोचता हूँ जानता हूँ मैं
काम वही करता हूँ जो ठानता हूँ मैं
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ

हंसता हूँ आज कोई गम नहीं है
खुशियाँ मेरे दामन में कम नहीं है
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ

मानता हूँ देह मेरी राख होनी है
जन्नत सी ये दुनिया खाक होनी है
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ

‘V9द’ माना ये झोली खाली है
मायूस नही मेरी हर वक्त दिवाली है
मैं खुश हूँ मैं चुप हूँ

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 27 Views
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