अरमान
अरमान ही तो हम सभी के रहते हैं।
बस एक सोच ही तो हम सभी रखतें हैं।
तेरी यादों में हम सभी के अपने अरमान हैं।
कुछ सच कुछ अधूरे भी रह जाते हैं।
बस मुस्कुराती जिंदगी में सच अरमान हैं।
चाहत और मोहब्बत में हम सभी जीते हैं।
क्यूंकि अरमान से उम्मीद और आशाएं हैं।
जिंदगी के साथ साथ हम सभी रखतें हैं।
हां हमसफ़र दोस्ती में अरमान निभाते हैं।
शब्दों के इस जहां में हम सभी जानते हैं।
अरमान ही तो हम सभी के अपने होते हैं।
सुख दुःख आते और जाते बस जीवन हैं।
आओ हम आज में अरमान सजाते हैं।
कल की उम्मीद न कर आज मस्त रहते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र