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25 Jan 2022 · 1 min read

अरमान

हशरतें कहाँ किसी की पूरी होती है ।
एक चाह पूरी हुई की दूसरी शुरु होती है ।।

यह जिन्दगी का सफ़र ऐसे ही चलता है ।
अभी एक चाल पूरी की इसने की फिर दूसरी शुरु होती है ।।

उलझनों में बीत जाता है जिन्दगानी का सफ़र।
कभी जीत के करीब होते है, की तभी हार शुरु होती है ।।

कोरा कागज़ है जीवन बिखराव ही बिखराव है।
देख कर फिर किसी को जीने की चाहत शुरु होती है ।।

यह तेरा है,यह मेरा है मे उलझ जाता है इन्सान।
बड़ी तरकीब से तब मौत की आहट शुरु होती है ।।

Language: Hindi
1 Like · 346 Views
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