अरमां (घमण्ड)
अरमां (घमण्ड)
इतना अरमां तुझे क्यों करम भूमि में।
तेरे जैसे हजारों फना यहीं हो गए।।।
कहां रहे रावन कंस से बलवान जमीं पर।
तेरी विसात क्या लाखों जमीदोज़ हो गए।।
शुक्र कर तेरी सांसे हैं सलामत अभी।
राख लाखों हुए,कई दफन हो गए।।
अरमां (घमण्ड)
इतना अरमां तुझे क्यों करम भूमि में।
तेरे जैसे हजारों फना यहीं हो गए।।।
कहां रहे रावन कंस से बलवान जमीं पर।
तेरी विसात क्या लाखों जमीदोज़ हो गए।।
शुक्र कर तेरी सांसे हैं सलामत अभी।
राख लाखों हुए,कई दफन हो गए।।