अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गजल
अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गजल)
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1)
अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है
यहॉं है जन्म-भू प्रभु राम, इस कारण से प्यारा है
2)
लगी सदियॉं बनाने में, हमें नव भव्य मंदिर को
भॅंवर-मॅंझधार को कर पार, पाया अब किनारा है
3)
मिली मंजिल उन्हें हनुमान, बन जो ठान दृढ़ लेते
लिया जो राम का शुभ नाम, सागर उनसे हारा है
4)
विचरते राम बालक-रूप, दशरथ के महल-ऑंगन
किए दर्शन जिन्होंने भी, उन्हें प्रभु जी ने तारा है
5)
भले बैकुंठ कितना भी, बड़ा हो पर हमें क्या है
बड़ी सबसे अयोध्या जी, बड़ी सरयू की धारा है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451