अम्मा..याद आता है!
अम्मा !
याद आता है..
अक्सर !
अनोखी सुगंध से भरा..
तुम्हारा पावन सा प्यार!
दुआएं बेशुमार
तुम्हारे भावुक से उद्गार
अम्मा !
याद आती है..
तुम्हारी नन्ही सी गठरी
बातों की पोटली
छ्लछ्लाती यादें
भरी भरी आँखे
बार-बार
तुम्हारा वो
कोने में बैठना
झुर्री भरी उँगलियों से
अनुभवों को गिनना
उम्र के हर दौर को
पोरो से चुनना
फफक पड़ना
यकायक..
बताते हुए
पुराने समय का
वर्तमान पर प्रहार…
पांव तले का
जलता अंगार
सचमुच याद आता है
अम्मा !
तुम्हारे आँचल की छांव का
वो आशीषों भरा
दुलार!
स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ