अम्बे माँ ! कैसे उतारू तेरी आरती ?–आर के रस्तोगी
माँ ! अम्बे कैसे उतारू तेरी आरती ?
जब संकट में पड़ी है मेरी माँ भारती ||
चारो तरफ जब चुनाव माहौल बना हुआ है |
उजाले में भी चारो ओर अँधेरा बना हुआ है ||
ये नेता जब कोरा झूठ बोल रहे है |
वोटरों को हर तरह से ये छोल रहे है ||
इनका कोई धर्म ईमान न रहा है |
देश को जातियों में ये बाट रहा है ||
कैसे बने है ये देश के सारथी ?
माँ ! अम्बे कैसे उतारू तेरी आरती ?
जब संकट में पड़ी है मेरी माँ भारती ||
ये काले नाग है भर रहे है अब फुंकार |
ये जनता को डसते करते व्याभिचार ||
वोटरों का धन ये बटोर रहे है |
अपनी सब जेबे ये भर रहे है ||
नित्य नये ये घोटाले करते है |
कत्ल करने से भी नहीं डरते है ||
तुम ही दुष्ट संहारक भारती |
माँ ! अम्बे कैसे उतारे तेरी आरती ?
जब संकट में पड़ी है मेरी माँ भरती ||
चुनाव महाभारत का रणक्षेत्र बना है |
कौरव पांडव का ये युद्ध- क्षेत्र बना है ||
कोई भीष्म पिता मह बना हुआ है |
कोई रथ सारथी कृष्ण बना हुआ है ||
माया भी द्रोपदी बनी हुई है |
पर दुश्साशन के साथ खड़ी है ||
वोटर इनकी अब फ़ौज बनी है |
आपस में काफी तना तनी है |
देख कर बिलख रही है माँ भारती |
माँ ! अम्बे कैसे उतारू तेरी आरती ?
जब संकट में पड़ी है मेरी माँ भारती ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425