अम्बेडकर विचार
भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर विचार
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पुरे विश्व पटल की पावन भू में बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर को कौन नहीं जानता?विश्व के कोने-कोने में महापुरुष के रूप में उनको याद किया जाता है।उनका पूजा किया जाता है।संविधान की रचना करके उन्होंने मानव समुदाय के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।संविधान से लोगों को मौलिक अधिकार दिए है जिसमें -समानता का अधिकार,स्वतंत्रता का अधिकार,धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संवैधानिक उपचारों का अधिकार,शोषण के विरुद्ध के अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं अन्य कई अधिकारों को दिलाने का काम किया है। संविधान में निहित है जिसके बदौलत आज अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ सकते हैं।बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर को उनके संघर्षों को हमेशा याद किया जाएगा।उनके मन में पावन विचार थे सभी वर्गों को समभाव रखते थे।सबको न्याय दिलाने का काम किया चाहे युवक हो, चाहे बालक हो,चाहे वृद्ध हो संविधान के ही ताकत से सबको अधिकार मिला है।आमजन को अपना अधिकार पाने का हक है।आज आम जनमानस का जीवन सुखमय बन पाया है तो निश्चित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का ही देन है।भीमाबाई और राम जी के घर में ऐसे सपूत पैदा हुए की उनके कर्मों के कारण विश्व में वंदनीय है और उनके नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।उन्होंने कई ऐसे कार्य किए हैं जो युगों युगों तक याद रहेगा। उन्होंने छुआछूत को मिटाने के लिए काफ़ी संघर्ष किया है।साथ ही साथ अज्ञानता गरीबों को मिटाने के लिए शिक्षा रूपी कलम को पकड़ने के लिए प्रेरित किया।शिक्षा को ही अधिक महत्व देते थे। उन्होंने शिक्षा पर बहुत सुंदर पक्ति कहा है कि — “शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो जितना पियेगा उतना अधिक दहाड़ेगा।” शिक्षा के ही ताकत से समाज को आगे ला सकते हैं,सही रास्ता बता सकते हैं,उनके जीवन को सुखमय जीवन में मोड सकते हैं,शिक्षा के महत्व को समझने की आवश्यकता है।शिक्षा के ही बदौलत से मंजिल को प्राप्त किया जा सकता है।संविधान हमको जीने का अधिकार दिया है।उनके इस अतुलनीय योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। डॉ.भीमराव अंबेडकर जी का पूरा जीवन संघर्ष में रहा है उन्होंने काफी छुआछूत को गरीबी से देखा है उनके साथ कई ऐसे भेदभाव हुए हैं। जिसको पढ़कर सुनकर आँख में आँसू आ जाएंगे। यदि आज हम सभी मानव समुदाय सुखमय जीवन बिता रहे हैं उनके कर्मों का फल है।मैं उनको नमन करते हुए आप सभी से आह्वान करता हूँ कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सदा याद करें उनका सदा सम्मान करें।उनके संघर्ष को जन-जन तक फैलाएँ।
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लेखक — डिजेन्द्र कुर्रे (शिक्षक, साहित्यकार, समाजसेवी )
पिपरभावना, सारंगढ़ बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़ )
मो. 8120587822