अम्बेडकर तुम भीम हो।असीम हो।
अम्बेडकर एक कथा नहीं सजीव जान है
भारत माँ का एक धूमिल परिधान है
अम्बेडकर स्वयं भारत का संविधान है
शोषण के विरुद्ध मुखर होता आह्वान है
दलितों के मसीहा की अदम्य पहचान हैं
शिक्षा में प्रयुक्त व्यापक अनुसंधान हैं
समय की रेत पर विलक्षण अमिट निशान हैं
संविधान के हर कण-कण में विद्यमान हैं
अस्पृश्यता के संघर्ष का अद्वितीय अभियान हैं
अछूतों की समस्याओं का उचित समाधान हैं
गर्व युक्त जीवित अटल अटूट स्वाभिमान हैं
घृणा को समाप्त करने का एक प्रावधान हैं
शुद्रों के जीवन में उन्नत उत्कृष्ट उत्थान हैं
जातिगत आलोचना को तोड़ता हुआ तूफान हैं
प्रतिकूलता में भी निर्मित दिव्य कीर्तिमान हैं
असिमित संभावनाओं की दृढ़ मयान हैं
बंधन से मुक्त आकाश में खुली उडा़न हैं
शुद्रों को प्राप्त हुआ अमोघ वरदान हैं
स्वयं विधाता के सृजन का विधान हैं
दलित समाज को समर्पित अभिदान हैं
पिड़ित उत्थान में लगा हुआ बलिदान है
विपरीत परिस्थितियों में जीता जागता अनुष्ठान है
आंतरिक अंधकार को समाप्त करने का अभिज्ञान है
शिक्षा के परिक्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ परम प्रधान हैं
पाखंड में खड़ी प्रचंड विकट व्यवधान हैं
बुद्ध के आदर्शों का सार्थक प्रतिमान हैं
अधिकारों को प्राप्त करने का सच्चा भुगतान हैं
इस देश में उपयुक्त नीति निधान हैं
संविधान के निर्माण का अमूल्य योगदान हैं
समानता के युद्ध का प्रबल संस्थान हैं
भारत माँ की शोषण में स्वपोषित संतान हैं
अपमान की दिव्य गाथा, किदवंती, गुणगान हैं
एक अतुलनीय स्थिर स्थापित दृढ़ उपमान हैं
गुणों के आंकलन से आगे का अनुमान हैं
“ज्ञान के प्रतीक”की विश्व में एकमात्र शान हैं
अनुपम गुणों की अथाह अथक खान हैं
असाधारण व्यक्तित्व के अद्भुत इंसान हैं
इस धरा पर अवतरित स्वयं भगवान हैं
अपनी अद्वितीय क्षमता से निःसंदेह महान हैं
तिमिर को ध्वस्त करते प्रकांड विद्वान हैं
क्षितिज में चमकते”आदित्य”सा विराजमान हैं
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.