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13 Apr 2024 · 2 min read

अम्बेडकर की आत्मा

“अम्बेडकर की आत्मा”

मैं, अम्बेडकर हूं।
‌मैं, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर हूं।‌

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, बाबा साहेब डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, ब्रिटिश भारत के मध्य प्रांत वर्तमान में मध्य प्रदेश के महू नगर के छावनी में जन्म लिया हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, 14 अप्रैल 1891 ई. को इस संसार में कदम रखा हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, अपने माता-पिता के 14वें व अंतिम संतान हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, भारतीय सेना के महू छावनी में सेवारत और बाद के सूबेदार रामजी सकपाल के पुत्र हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, हिंदू महार जाति से संबंध और कबीर पंथ को मानने वाला मराठी मूल निवासी हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, बाल विवाह का शिकार एवं रमाबाई का पति परमेश्वर हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, देवरुखे ब्राह्मण शिक्षक कृष्णा केशव आम्बेडकर के स्नेह से आम्बडवेकर से “आम्बेडकर” बना हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त किया हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, बड़ौदा के सयाजीराव गायकवाड तृतीय एवं कोल्हापुर के शाहू महाराज के योगदान के शुक्रगुजार हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, संविधान का न अंग्रेजी और न हिंदी लेखक हूं, बस संविधान निर्माता हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, विश्व के सबसे बड़ा संविधान का निर्माता व पितामह हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि और न्याय मंत्री हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, दबे, कुचले, दलितों एवं गरीबों का नेता हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में बौद्ध धम्म अपनाया हूं पर हिंदू सभ्यता संस्कृति और संस्कार को नहीं भूला हूं।

मैं, अंबेडकर हूं।
मैं, 6 दिसंबर 1956 को स्वर्गवासी हो गया हूं।

मैं, अम्बेडकर हूं।
मैं, मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित हूं।
मैं, अम्बेडकर हूं।
———-०००———

कवि : जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

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