-अम्बर तेरा तो धरा मेरी (भारत पाकिस्तान में सवांद सम्बंधित रचना)
अम्बर तेरा तो धरा मेरी,
अंतरिक्ष बीच राह मेरी,,
जल मेरा ज्वाला तेरी,,
पानी ही बहा दूँगा बैरी,,
शौर तु करता शांति मेरी,
प्रयास मेरा चिंगारी तेरी,,
देश मेरा आतंक तेरा है,
ये आतंकी करामात तेरी,
अम्बर तेरा तो ………….. 1
चाँद तेरा तो चाँदनी मेरी,
तारे तेरे तो धूम केतु मेरी,,
बादल तेरा तो गर्जना मेरी,
रिक्त नहीं तेरे नाश की बैरी,,
जुर्म तेरा तो कानून हैं मेरा,
चीन साथी तो बुनियादी मेरी,,
अम्बर तेरा तो…………….2
चाँद को तो तु मानता हैं
पर शिव रूप जट्ठाधारी
तांडव देख आतंकी क्यारी ,
पाप तेरा है धर्म राह मेरी,,
पेड – पौधे तेरे तो पत्ता मेरा,
पत्ता न तो तेरा सौन्दर्य मारी
अम्बर तेरा तो…………….3
हवा तेरी तो दिशा है मेरी,
राख है तेरी जिन्दगी मेरी,,
अपरिभाषित में गिनती तेरी,
गुणा मेरा तो जोड है तेरी,,
दिन मेरा तो राते है तेरी,
मैं उजाला तेरी राते घनेरी,,
अम्बर तेरा तो…………….4
मोहर्रम तेरा तो त्यौहार मेरा,
तकलीफ तु तो तारीफ मेरी,
टूकडा तेरा तो बदलाव मेरा,
गन्दगी तेरी तो सफाई मेरी,
टूकडे पर जिन्दा जिले वर्ना,
मिटाकर पाक धरा भी मेरी,,
अम्बर तेरा तो……………. 5
आदत तेरी तो लिहाज मेरा,
परदा तेरा तो दर्पण मेरी,,
कौरव पांडव महाभारत में,
पापी पर धर्म की जीत मेरी,,
रामायण में रावण नाश कर,
राम लीला लंका जीत मेरी,,
अम्बर तेरा तो…………….6
धरा हमारी भारत माता हैं,
चमन, अमन की अवतारी,,
वीरो, यौद्धो की महाकारी ,
भारत भुमि लीला न्यारी,,
जल, अचल समतल रूप,
बेमिसाल की मायाकारी,,
अम्बर तेरा तो…………….7
पाक तु स्वयं टूकडा है,
टूकडे का लालच मारी,,
मिलेगा हाथ न कुछ तेरे,
क्युंकी भारत भु अवतारी,,
ज्यादा आतंक न कर,
वर्ना वीर गर्जना नाशकारी,,
अम्बर तेरा तो…………….8
धौंखा तेरा समझौता मेरा,
रूकता हूँ, इन्सानियत मेरी,,
आतंक तेरा बदला मेरा,
झूठ तेरा सच्चाई मेरी,,
बहूत हो गया संभल लेना,
वर्ना सब मेरा , मौत तेरी,,
अम्बर तेरा तो धरा मेरी………9
अंतरिक्ष बीच राह मेरी
रणजीत सिंह “रणदेव” चारण,
मूण्डकोशियाँ,
7300174927