अम्बर का सीना चीर बरस…
ए सावन के नीर सरस…
तू वीर बरस
तू नीर बरस….
अम्बर का सीना चीर बरस।
प्यासी माटी प्यासा सावन
खग, खेती का है आव्हान…
विप्लव धीरज धीर बरस
तू वीर बरस – तू नीर बरस।
न खेतो में वो बात कही…
न रिमझिम रोशन रात कही
इस धरती पे नीर बरस….
तू वीर बरस तू नीर बरस।
लेखक – कुंवर नितीश सिंह
(गाजीपुर)