अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ क्यों पढ़ाते हैं
दूध साँपों को जो पिलाते हैं
सोच का दायरा बढ़ाते हैं
एक होकर सभी दिखाते हैं
दिल तड़पता है किस कदर मां का
घर में दीवार हम उठाते हैं
ज़ुल्फ़ हर फूल को नहीं मिलती
कितने शाखों पे सूख जाते हैं
ये तो बच्चों की मेहरबानी है
लोग मुझ को जवाँ बताते हैं
चाँद को कौन तोड़ पाया है?
क्यों वह पागल हमें बनाते हैं
वो तो ख़ुद दाग़दार हैं ‘अरशद’
जो हमें आइना दिखाते हैं
– अरशद रसूल बदायूंनी