Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2022 · 1 min read

“अमृत महोत्सव”

हम आंखों से कुछ देख नहीं पा रहे हैं,
मेरे इन आंखों में खून कहां से आ रहे हैं।

हिमालय तेरे शीश को कोई झुका रहा है,
बीच में एक रेखा और बना रहा है।

कोई तो है जो तेरे नूर को घटा रहा है,
आंखें तुझे बार-बार क्यों दिखा रहा है?

अपने ही कलेजे के सौ टुकड़े कर रहे हैं,
लहू से सीच कर मिट्टी को दूषित कर रहे हैं।

हम्हीं हैं जो नफ़रत के बीज बो रहे हैं,
खुद ही, फक्र से ज़हर भी काट रहे हैं।

हम तो शराफ़त से अपना हक मांग रहे हैं,
पीओके भी हमारा है ये संदेश तुझे पहुंचा रहे हैं।

गद्दारों के नमक हरामी पर, हम तरस खा रहे हैं,
आखिर मुझे आज-कल नींद क्यों नहीं आ रहे हैं।

तेरे मस्तिष्क पर “तिरंगा” शान से लहरा रहा है,
आज शान हिंदुस्तान”अमृत महोत्सव” मना रहा है।।

वर्षा (एक काव्य संग्रह)/ युवराज राकेश चौरसिया
मो-9120639958

Language: Hindi
1 Like · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राकेश चौरसिया
View all
You may also like:
4187💐 *पूर्णिका* 💐
4187💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
সব মানুষের মধ্যেই ভগবান আছেন
সব মানুষের মধ্যেই ভগবান আছেন
Arghyadeep Chakraborty
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
मुश्किल हालात हैं
मुश्किल हालात हैं
शेखर सिंह
मानव आधुनिकता की चकाचौंध में अंधा होकर,
मानव आधुनिकता की चकाचौंध में अंधा होकर,
पूर्वार्थ
दिल का हर अरमां।
दिल का हर अरमां।
Taj Mohammad
अनकहा रिश्ता (कविता)
अनकहा रिश्ता (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
एक मौन
एक मौन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अनोखा देश है मेरा ,    अनोखी रीत है इसकी।
अनोखा देश है मेरा , अनोखी रीत है इसकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जो नि: स्वार्थ है
जो नि: स्वार्थ है
Mahetaru madhukar
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
चलो आज खुद को आजमाते हैं
चलो आज खुद को आजमाते हैं
कवि दीपक बवेजा
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🙅कमाल के लोग🙅
🙅कमाल के लोग🙅
*प्रणय प्रभात*
दाग
दाग
Neeraj Agarwal
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
"पल-पल है विराट"
Dr. Kishan tandon kranti
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
जय लगन कुमार हैप्पी
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...