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28 Jan 2023 · 1 min read

अमृत उद्यान

अमृत उद्यान
~~°~~°~~°
मुगल गार्डन बनल आब अमृत उद्यान ,
मिटेलहुँ हम आक्रान्ता के सभटा निशान।
कतेऽक दिन तक ढोयत भारत आब ,
कलंकित लोक सभहक स्मृति पहचान।

सुतल छल सदिखन से अप्पन अभिमान ,
लुटियंस जे बनौलक वो मुगलक पहचान ।
पचहत्तर वर्ष लागल मात्र नाम मिटाएब ,
लुटियंस से कोनो कम नहिं हमहुं अन्जान।

आज़ाद भेल भारत, मुदा मुगल तइयो महान ,
अनुभूति नहिं केलहुं जेऽ, हम भारत के संतान।
गुलामी के प्रतीक चिह्न,मिटाएब आवश्यक छल ,
अमृत महोत्सव मनाउ, ई छी अप्पन हिन्दुस्तान।

मौलिक आओर स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – २८ /०१/२०२३
माघ,शुक्ल पक्ष ,सप्तमी ,शनिवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

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