अमूल्य क्षण!
अब तेरा जीवन नही चलेगा,बिन पानी के।क्यो? बर्बाद कर रहा है, अमूल्य क्षण जवानी के।—–पहले किस्से सुन-सुन कर दादा नानी के।——————————अब सुन लो तुम टी,वी पर प्रवचन ज्ञानी के।अब असर न होता है,उस कहानी के।–क्यो कर रहा है व्यापार,नदानी के।——–रुपया,पैसा कोई खाता नही है,काम कर किसानी के। पर्यावरण संरक्षण कर,मत पेड़ काट वागवानी के।———–++++———-जब से मानव तन में आया,रचा खेल बेइमानी के।क्यो बर्बाद कर रहा है अमूल्य क्षण जवानी के।