अमीर घरों की गरीब औरतें
Aaj kuch Dil ke baat
Kuch hat ke
Kitna sach kitna jhoot ye aap bataye
अमीर घरों की गरीब औरते
ये जो औरतें देखते हो न आप,
बड़े बड़े घरों की जो मालकिन होती है
हर समय जो गहनों से लदी घूमती रहती है,
महंगे कपड़े ऐसे पहन कर घूमती है
जैसे महंगा गिफ्ट पैक किया हो
चाबियाँ संभाले ,इतराती फिरती है
खुद को मालकिन समझते ,पैर जमी पर नही लगते इन के
कभी देखा है आपने इन्हें
अपनी पसंद की सब्जी या फल खरीदते
पहले तो ये खरीदने ही नही जाती ऐसी चीजे
अगर लेंगी भी तो ये सोच कर…
ये मेरे पति को पसंद नहीं..
ये बच्चों को पसंद नही..
इसी बीच अपनी पसंद कहीं खो जाती है
इन गरीब पत्नियों की
महंगे से महंगे परस पास होगे
नोटों से भरे हुये
कभी देखा है इनको महंगी गाड़ी से निकल
किसी गरीब को 10 रुपये दे दे
ऐसा नही वो देना नही चाहती
वास्तव में उनको इस की इजाज़त नही होती
ये गरीब औरते सिर्फ वहा खर्च कर सकती है जहाँ
दान देने से उनका और उनके पति का समाज में रूतबा बढे
ऐसा कुछ जो अपने लिए करना चाहे
उसके लिए पैसे नही होते
दस लाख का हार मिल सकता है
क्योंकि उस को पहनने से समाज में पति का रूतबा बढेगा, दस रुपये की कापी नही
ये क्या कविता लिखी तुम??
लोग क्या कहेंगे
ये गरीब औरते
बैंक की कापियाँ है इनके नाम की
लेकिन सिर्फ पैसा जमा करने को
निकालने के लिए नही
शायद अकाउंट खुलने के बाद वो पासबुक भी अलमारी में कैद हो जाती है
जैसे ये महलों में गरीब औरते
मानती हूँ आज के बदलते परिवेश में मेरी इस बात से बहुत से लोग सहमत नही होंगे क्योंकि अब औरते अपने पैरों पर खडी़ है
लेकिन अभी भी है ऐसी गरीब औरते
घुटती हुई अंदर ही अंदर
आज भी ज्यादा पैसो वाला कोई लेनदेन हो तो उनको
अनदेखा कर दिया जाता है
जैसे बिजनेस, जमीन जायदाद की खरीदो फरोख्त
बहुत से मसले है
इन अमीर घरो की गरीब औरतों के 😔😔
Surinder kaur