अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अरे कोई बताएगा-क्या कोई बताएगा
कहीं महफ़िल तो कहीं ये तन्हाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑………
कौन किसका क्या ले जाता है
झूठा रुतबा है ये यहीं रह जाता है
फिर यह जद्दोजहद ये लड़ाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑……..
आज दौलत ही सब कुछ हो गई
इंसानियत तो न जाने कहां खो गई
अपनों की अपनों से ये रुसवाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑………
लगे रहते हैं दिन-रात दौलत के पीछे
चैन आराम भुला बैठे शौहरत के पीछे
नहीं बुझती कभी वो आग लगाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑……….
‘V9द’ हैरान मत हो आगे क्या होगा
खाली हाथ होंगे तिनकों पे जनाजा होगा
अरे नहीं जाएगी दौलत साथ कमाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑………..