अमीर कौन?
बदले पैसे की नोंक पे,उसका क्या ज़मीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
पैसा वैश्या भी ले कमा,इज्ज़त पर अधीन।
पैसा रखता है चोर भी,बनता ना कुलीन।
कोई कुछ भी हँस बोल दे,रहता बन अधीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
अच्छा करता जो काम है,पाए वो सलाम।
ऊँचा उसका इक नाम हो,मिलता हर मुकाम।
खुलके जीवन अपना जिये,बहता ज्यों समीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
छोड़ो डरके झुकना सभी,हो सबका सुधार।
हक की बातें तो कीजिए,सच्चा हो करार।
बातें हरपल हों आपकी,पत्थर की लकीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
प्रीतम दीपक बनके रहो,दो सबको प्रकाश।
तम में भटकें हैं जो यहाँ,उनकी तुम तलाश।
ताक़त दिल में अपने जगा,बन जाओ सुधीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
बदले पैसे की नोंक पे,उसका क्या ज़मीर।
दिल का भी होना चाहिए,धन का क्या अमीर।।
आर.एस.प्रीतम
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