अमर शहीद
हम शहीदों की शहादत को मनाने आ गये,
देश भक्ति है ख़ुदी में ये बताने जा गए।।1।।
देश की खातिर मिटे माँ भारती की लाज को,
है नमन मेरा सभी शहीदों सरताज को।।2।।
मर मिटे न बोले कुछ नींद मौत की ही सो गये,
अपना कभी सोचा नहीं वो देश के ही हो गए।।3।।
हमें दिलाई आज़दी कहा फिरंगी भागो तुम,
देश मे जितने युवा थे उनसे बोले जागो तुम।।4।।
अंग्रेजों ने घुटने टेके हो गयी उनकी बर्बादी,
तुम तो चले दुनिया से हमें दिला दी आज़दी।।5।।
तुम तीन मुसाफिर चले बांटने आज़दी को प्यार से,
चैन मिला जब छूटा भारत इस घोर अत्याचार से।।6।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार