अमर शहीद भगत सिंह का जन्मदिन
दिल में बसती थीं भारत मां, आजादी का सपना था
सब कुछ छोड़ा भगत सिंह ने, अंग्रेजों से लड़ना था
चंद्रशेखर सुखदेव राजगुरु जैंसे, उनके साथी थे
डरते थे अंग्रेजी अफसर, ऐसे क्रांतिकारी थे
जब जलियांवाला कांड हुआ, केवल वे 12 वर्ष के थे
गांव से आए थे पैदल, छोटी उम्र में ही आक्रोशित थे
छोड़ दिया घर बार उन्होंने, सशस्त्र क्रांति में कूद पड़े
मार दिया सांडर्स को, जो राजा राममोहन राय के हत्यारे थे
आजादी की आवाज उठाने, संसद में बम फेंका था
भागा नहीं शेर दिल सपूत, चाहता तो भाग सकता था
23 वर्ष की अल्पायु में, हंसते-हंसते फंदा चूमा था
वीर सपूत ने अलख जगाई, देश यह सारा रोया था
ऐसे अमर शहीद को, ढेरों मेरा सलाम है
आज शहीद के जन्मदिवस पर, कृतज्ञ राष्ट्र का प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी