अमर रहे गणतंत्र हमारा,सोचो नई कहानी
मना लिया गणतंत्र दिवस,हो गई खत्म कहानी
झंडा फहराया भाषण पेला,सब जमा खर्च जुवानी
जिसको देखो लूट रहे हैं,ये है सूरत जानी मानी
प्रजातंत्र में नेता अफसर, करते हैं मनमानी
आज इसे कल उसे चुना,सबके सब वेमानी
प्रजातंत्र में परेशान गण, बात है ये हैरानी
धर्म जाति अंचल में बांटा गण को, नेताओं की आसानी
सत्ता सुंदरी केन्द्र बिंदु है, सेवा नहीं सुहानी
झंडा फहराया जनगण मन गाया, खत्म हो गई कहानी
अमर रहे गणतंत्र,गण सोचो नई कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी