अमर रहे अमर रहेे
अमर रहे अमर रहेे
उजाला तेरा अमर रहे
काव्य लिखती मैं तूझ पर
तेरा विश्वास सब में बढ़ता रहे
खबर है तूझको देश की
उसमें बढ़ते जंग की
ऐलान तेरा है यहाँ पर
जरा देख सच्चाई जुर्म की
पाठकों का दिल रखना
काम है तेरा रोज का
हटता नहीं तू कभी भी पिछे
तेरा ड़र दुश्मनों में है पलता
उत्तर प्रदेश की जान तू
हम लोगों का ईमान तू
हिन्दी तेरी भाषा फिर भी
राज करता पूरी दुनिया में तू
तैंतीस साल का कारवां तेरा
लेकर चला तू अमर रहें
मुरारीलाल संस्थापक तेरे
उजाला तेरा यूँ ही बढे़