अभी अभी तो जन्मा हूँ
अभी तो मै जन्मा हूँ,कुछ दिन मौज मनाने दो।
अभी करो नही बड़ा,कुछ दिन तो इठलाने दो।
आज नही तो फिर कभी बचपन तो छुटेगा ही।
इतनी जल्दी काहे की खुशियाँ तो लूटेगा ही।
छूटे बचपन जल्दी से और बड़ा हो जाऊं मै।
होकर बड़ा फिर राज करूं एसी सोच मनाऊं मै।
तो इसका मतलब है मै खेल से जी चुराता हूँ।
इसीलिए तो इसे छोड़ने को मै चट पटाता हूँ।
सो जिसको बनना हे बड़ा वो ही दौड़ लगाये।
हम तो छोटे है छोटे रहेंगे उसमे मौज मनाये।
मौज मौज में जो मिल जाए हमको सम्मान वो ही काफी।
लड़ झगडकर टॉफी पाकर काहे को हम इतराए।
पैसे चार कमा लेंने से कुछ स्वाभिमान नही होगा।
बिन बात बड़ा बढ़ बन जाने से कोई सम्मान नही होगा।
******मधू गौतम