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30 Jul 2021 · 1 min read

अभिलाषा

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खुश्बूओं से भरा, ये चमन हैं मेरा।
जहाॅं में सबसे प्यारा, ये वतन हैं मेरा।।

राम की नगरी, हैं मेरा ये वतन।
सदियों से यहां, हैं प्यार का चलन।।

सदा बना रहें, यहां भाई-चारा।
दुनिया में रहें सदा, मेरा भारत न्यारा।।

शांति-भंग न हो, कभी मेरे वतन की।
अभिलाषा बनी रहें, सदा मेरे मन की।।
*******************************
रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल==
====*उज्जैन (मध्यप्रदेश)*====
*******************************

Language: Hindi
1 Like · 1385 Views
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