अभिलाषा,,, भाषा के लिए……
सोरठा: नहीं नए नवरत्न,,
ना कुछ नई अभिलाषा।
सकल भू विख्यात हो,,,
भारत की हिंदी भाषा।।
————भविष्य त्रिपाठी