अभिराम
मंदिर प्यारा बन गया, दुनियाॅं में अभिराम।
रहे बहुत बनवास में ,आए हैं निज धाम।
आए हैं निज धाम,मनुज के भाग खुलेंगे।
रघुवर से अब आस,सभी को दरस मिलेंगे।
पहुॅंच गए जो धाम,वही हैं सबसे माहिर।
पाॅंच सदी के बाद,बना है प्यारा मंदिर।
डी.एन .झा’दीपक’©कुण्डलिया