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1 Jul 2024 · 1 min read

*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)

अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें (कुंडलिया)

हरते जग के रोग तुम ,सेवा – वृत्ति प्रधान
अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें ,तुम सजीव भगवान
तुम सजीव भगवान , मृत्यु से हमें बचाते
जगते तुम दिन-रात ,चैन से हम सो पाते
कहते रवि कविराय ,जगत में खुशियाँ भरते
दया तुम्हारा भाव ,दुखी-जग के दुख हरते

रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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