*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें (कुंडलिया)
हरते जग के रोग तुम ,सेवा – वृत्ति प्रधान
अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें ,तुम सजीव भगवान
तुम सजीव भगवान , मृत्यु से हमें बचाते
जगते तुम दिन-रात ,चैन से हम सो पाते
कहते रवि कविराय ,जगत में खुशियाँ भरते
दया तुम्हारा भाव ,दुखी-जग के दुख हरते
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451