अब सवाली हो गया हूँ
मैं चुप था भला था,
मुँह खोल कर बबाली हो गया हूँ।
उनसे ही उनकी कर शिकायत,
मैं मवाली हो गया हूँ।
मैं प्यारा था दुलारा था,
उनको अब एक गाली हो गया हूँ।
मेरी उनसे दुआ सलाम क्या हुई,
मैं बन्दूक दुनाली हो गया हूँ।
लोग समझते हैं मैं उनके-
हुक्के की निगाली हो गया हूँ।
कोई नहीं करता विश्वास,
कि अब मैं खाली हो गया हूँ।
मैं नहीं रह गया हूँ उत्तरापेक्षी,
अब सवाली हो गया हूँ।
जयन्ती प्रसाद शर्मा