अब मै भी जीने लगी हूँ
आजकल हकीकत के साथ जीने लगी हूँ।
जिन्दगी को थोड़ा अच्छे से समझने लगी हूँ।
अब हर किसी के बातो मे नही आती
आँखो की गहराई को पढ़ने लगी हूँ।
लोग क्या कहना चाह रहे है हमें
उनकी खामोशी भी अब समझने लगी हूँ।
इरादा कर लिया है मजबूत कुछ करने का
बस उसको अंजाम दे रही हूँ।
अब कोई फर्क नही पड़ता है हमें
कोई मेरा साथ दे रहा या नही।
बिना किसी के परवाह किये बिना
अब आगे कदम बढाने लगी हूँ।
हो सके इस दुनियाँ में मेरा भी नाम
उस नाम के लिए मै अब काम करने लगी हूँ।
बनाकर इस दुनिया में अपनी पहचान
अब मै भी जीने लगी हूँ।
~अनामिका