अब मतदान की बारी है
थमा प्रचार, हुआ बंद शोरगुल
हुई शुरू महापर्व ,की तैयारी है
चल मतदाता, काम सब छोड़ो
सबसे पहले अब,मतदान की बारी है
न किसी दबाव मे आना तुम
स्वाभिमान, स्वयं का ,जगाना तुम
है लोकतन्त्र को ,सुद्रंढ़ बनाना
इसमे अपना फर्ज निभाना तुम
बात ये ,भूल न जाना तुम
जाति-धर्म सब कर परे ,प्रतिनिधि
अव्वल ,चुनने की अब बारी है
चल मतदाता,काम सब छोड़ो
सबसे पहले अब……..
अपने संग सबको जगाना तुम
महत्व ,मतदान का बताना तुम
जो नासमझ,अंजान है इससे
बार बार उसको समझाना तुम
सही समय, सही मत से,सही व्यक्ति को
चुनना, जिम्मेदारी हमारी है
चल मतदाता, काम सब छोड़ो
सबसे पहले अब….
भीड़-भाड़ से न घबराना तुम
शांति भाव से, वोट निपटाना तुम
घर,आस-पड़ोस, जो बड़े-बुजुर्ग हो
उनकी लाठी बन जाना.तुम
मतदान केंद्र, तक पहुंचाना तुम
उच्च शिक्षा, नित्य उच्च विचार
जिसको प्रिय हो,जन से भाई-चार
ऐसे महान व्यक्तित्व को,लोकतंत्र मे लाने की महामारी है
चल मतदाता,काम सब छोड़ो
सबसे पहले अब.,मतदान की बारी है
विधि,नीति-निधान, राष्ट्रभक्ति, सर्वोपरि हो
फिर सद आचरण,उसकी शुरुरी हो
भ्रष्टाचार, शिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, को दुर करे
सर्वधर्म समभाव,सम-न्याय ,को जिसकी मंजूरी हो
जन जन की वो बात सुने,मुश्किल को पल मे चुने(,हटाना)
सरस मिठास जिसकी ,जिव्हा की कस्तूरी हो
ऐसे प्रतिनिधित्व को बीच हमारे, लाने की बस खुमारी है
चल मतदाता, काम सब छोड़, सबसे पहले मतदान की बारी है।
रेखा कापसे
होशंगाबाद, (म.प्र.)