Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

अब भी बाकी है..

कुछ अनकहे किस्से,
चंद अधूरे ख्वाब,
कुछ भूली बिसरी याद
कुछ वादे – कुछ मुलाकात
यही तो हैं…
बाकी मुझमें
जो अधूरी उम्मीद जगाती है
साँसों को जारी रखती है

हिमांशु Kulshreshtha

1 Like · 136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
.
.
*प्रणय प्रभात*
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
पंकज परिंदा
अदालत में क्रन्तिकारी मदनलाल धींगरा की सिंह-गर्जना
अदालत में क्रन्तिकारी मदनलाल धींगरा की सिंह-गर्जना
कवि रमेशराज
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
सुख- दुःख
सुख- दुःख
Dr. Upasana Pandey
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
खेल संग सगवारी पिचकारी
खेल संग सगवारी पिचकारी
Ranjeet kumar patre
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
तुम्हीं सुनोगी कोई सुनता नहीं है
तुम्हीं सुनोगी कोई सुनता नहीं है
DrLakshman Jha Parimal
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सफलता तीन चीजे मांगती है :
सफलता तीन चीजे मांगती है :
GOVIND UIKEY
The moon you desire to see everyday,  maybe I can't be that
The moon you desire to see everyday, maybe I can't be that
Chaahat
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
प्रस्तुत है आपकी सेवा में चित्र पर आधारित यह :-गजल
प्रस्तुत है आपकी सेवा में चित्र पर आधारित यह :-गजल
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
हुई बात तो बात से,
हुई बात तो बात से,
sushil sarna
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4209💐 *पूर्णिका* 💐
4209💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
राधेश्याम "रागी"
मैं भी साथ चला करता था
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त,
ओसमणी साहू 'ओश'
करवा चौथ
करवा चौथ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
मेरी (ग्राम) पीड़ा
मेरी (ग्राम) पीड़ा
Er.Navaneet R Shandily
Loading...