अब भी बाकी है..
कुछ अनकहे किस्से,
चंद अधूरे ख्वाब,
कुछ भूली बिसरी याद
कुछ वादे – कुछ मुलाकात
यही तो हैं…
बाकी मुझमें
जो अधूरी उम्मीद जगाती है
साँसों को जारी रखती है
हिमांशु Kulshreshtha
कुछ अनकहे किस्से,
चंद अधूरे ख्वाब,
कुछ भूली बिसरी याद
कुछ वादे – कुछ मुलाकात
यही तो हैं…
बाकी मुझमें
जो अधूरी उम्मीद जगाती है
साँसों को जारी रखती है
हिमांशु Kulshreshtha