अब न पछताओगी तुम हमसे मिलके
🌹गजल 🌹
अब न पछताओगी तुम हमसे मिल के,
हमने भी होठ सी लिए है तुमसे मिल के।।
अब न मिलेगे तुमसे अब कभी दुबारा,
करीब न आयेगे अब तुम्हारे दिल के।।
उम्मीदों के फूल जो लगाए थे दिल में,
मुरझा जाएंगे हर बार खिल खिल के।।
पड़ा था तेरे आगोस में जब मौत मेरी आई,
अब न उठूंगा मैं चाहे रो मिल मिल के।।
कर लो जितनी कोशिश ये दिल न धड़केगा,
ये धड़कने बन्द हो जाएगी जरा ही हिल के।।
रस्तोगी कभी न आयेगे तेरे अब दर पे,
चाहे रो लेना जितना मुझसे गले मिल के।।
आर के रस्तोगी,
गुरुग्राम