अब न आऊंगी कभी तेरी गली
अब न आऊंगी कभी तेरी गली
ले तुझसे अब दूर बहोत दूर हो चली
रूठा तो मनाया तुझको रोया तो हंसाया तुझको
अब मैं कभी हंसी न करूंगी कोई ठिठोली
ले तुझसे दूर बहुत दूर हो चली
रोकती थी राह तेरी बनकर मैं मनचली
तेरे हर गम को अपनाया सहलाती थी तेरे हर दर्द को बन कर तेरी सहचरी
तोड़ दिया इक पल इस दिल को छोड़ दिया हर रिश्ता नाता
जा अब मैं भी बहुत दूर हो चली अब लाख पुकारे गा
ना आऊंगी कभी ना तुझे बुलाऊंगी
अब पराई तुझसे इस दुनिया से हो चली
अब ना आऊंगी कभी तेरी गली
ले तुझसे दूर बहोत दूर हो चली।।