अब ना देखो फिर से मिलके
अब ना देखो फिर से मिलके
इस बार नया शख्स पाओगे
अब होगा नहीं शायद प्यार फिर से
टूटे हुए को अब कहाँ सजा पाओगे।
अब ना देखो फिर से मिलके
साथ बैठ के वैसे ना हंस पाओगे
जितना सताया है तुमने
मुरझाए फूल को अब कहाँ खिला पाओगे ।
अब ना देखो फिर से मिलके
अब ना तुम मुझको पाओगे
जब मौका था तब ना हुआ तुमसे
अब क्या लगता है,निभा पाओगे।