अब नहीं दिल धड़कता है उस तरह से
अब नहीं दिल धड़कता है उस तरह से
नाम लेकर धड़कता था जिस तरह से
रोज़ कहती ख़्वाब में भी तुम सताते
कुछ बताओ तो ज़रा किस-किस तरह से
— महावीर उत्तरांचली
अब नहीं दिल धड़कता है उस तरह से
नाम लेकर धड़कता था जिस तरह से
रोज़ कहती ख़्वाब में भी तुम सताते
कुछ बताओ तो ज़रा किस-किस तरह से
— महावीर उत्तरांचली