Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2020 · 1 min read

अब देर नहीं….∆

अभी राम राज्य नहीं,
रावण राज्य है।
विकारों से भरी धरती का,
यह आगाज है।
आओ जहर पीयो देवों,
अमृत का यहां,
त्राहि त्राहि अंदाज है।।

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कसास दो उस दर्द का......
कसास दो उस दर्द का......
shabina. Naaz
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
Lohit Tamta
कोई ख़्वाब है
कोई ख़्वाब है
Dr fauzia Naseem shad
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
अब न करेगे इश्क और न करेगे किसी की ग़ुलामी,
Vishal babu (vishu)
" तुम खुशियाँ खरीद लेना "
Aarti sirsat
■ बस, एक ही अनुरोध...
■ बस, एक ही अनुरोध...
*Author प्रणय प्रभात*
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
थूंक पॉलिस
थूंक पॉलिस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
लोग दुर चले जाते पर,
लोग दुर चले जाते पर,
Radha jha
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरे राम
मेरे राम
Ajay Mishra
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मन-गगन!
मन-गगन!
Priya princess panwar
इज़हार कर ले एक बार
इज़हार कर ले एक बार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विश्वास किसी पर इतना करो
विश्वास किसी पर इतना करो
नेताम आर सी
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...