अब देर नहीं….∆
अभी राम राज्य नहीं,
रावण राज्य है।
विकारों से भरी धरती का,
यह आगाज है।
आओ जहर पीयो देवों,
अमृत का यहां,
त्राहि त्राहि अंदाज है।।
अभी राम राज्य नहीं,
रावण राज्य है।
विकारों से भरी धरती का,
यह आगाज है।
आओ जहर पीयो देवों,
अमृत का यहां,
त्राहि त्राहि अंदाज है।।